हर इंसान जीवन मे खुश रहना चाहता है , हर किसीको अपना चेहरा मुस्कुराया हुआ चाहिए। खुश रहने के लिए किसी बड़ी वजह की जरूरत नही होती, जिंदगी की गाड़ी को आगे धकेलते हुए ऐसे हजारो मौके मिलते है जो हमारी फीके दूध की चाय में शक्कर की मिठास का काम कर सकते है । जरुरत है तो बस उन छोटी छोटी खुशियो को बटोरने की।
आखिर खुश होने के लिए हमे चाहिए ही क्या होता है , आसमान से गिरती बारिश की बूँद हो या किसी बच्चे की खुद की परछाई पकड़ने की मासूम सी हरकत या दोस्तों के साथ बिताये मस्ती के पलो की याद, खुश रहने के लिए ख़ुशी तक आपको ही पहुचना पड़ेगा क्योंकि दुःख तो खुद आपको ढूंढ ही लेगा।इसलिए खुश रहिये , मुस्कुराते रहिये और अपने आसपास भी खुशिया बाँटते रहिये क्योंकि जिंदगी एक लोकल ट्रेन की तरह है , किस स्टेशन पर जिंदगी की शाम हो जाये कोई नही जानता इसलिए इतनी ख़ुशियाँ बाँटिये के आपके बाद जब लोग आपके बारे में सोचे तो उनके जहन में आपका मुस्कुराता हुआ चेहरा ही आये।
Sunday 12 July 2015
छोटी बड़ी खुशीयाँ
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