
बड़ा आदमी बनाने का मेरा ये जूनून बचपन से ही मेरा साथ था , जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया मेरा ये जूनून उससे भी बड़ा होता गया , कॉमिक्स पड़ने की उम्र मैं मैंने धीरुभाई अम्बानी, लक्ष्मी मित्तल, सुनील भारती , किशोर बियानी क बारे में पड़ना शुरू कर दिया , मैं हमेशा यही सोचता रहता क जब ये लोग इतना सब कर सकते है तो मैं क्यों नही ,और इस एक सवाल ने मेरी जिंदगी के मायने बदल दिए , मेरी जिंदगी को एक नई दिशा मै एक नई मंजिल की तरफ ले आया .
सपने देखिये , सपने देखना कोई बुरी बात नही है . पहचानिए अपने सपनो को , उन्हें छा जाने दीजिये अपने दिलो दिमाग पर , अपनी दुनिया से बाहर निकलिए रास्ता खुद ब खुद मिल जायेगा , याद रखिये कोई भी सपना तब तक सपना है जब तक आप उसको पूरा नही कर लेते , आपका वही सपना पूरा होने के बाद लोगो के लिए आपकी सफलता बन जाता है . सपना कुछ भी हो सकता है डोक्टर , वकील , इंजिनियर , पैन्टर , उद्योगपति या और भी कुछ बनने का जरुरत है सिर्फ उसे पहचानने की .
कहते है ना जब आप तेज चलते है तो आपको अकेला ही चलना पड़ता है , मैं भी अकेला निकल पड़ा हु अपनी मंजिल की तरफ , निकल पड़ा हु अपनी मंजिल की तलाश मैं एक ऐसे रास्ते पर जहा पीछे मूड कर देखना मना है, आपके कदम बढते है तो अपनी मंजिल , अपने सपने की और! मैं तो चल दिया हूँ एक अनजान सफ़र पर आप भी अपने सपने को पहचानिए और चल पड़िए उसे पूरा करने के लिए ......... :)